International Womens Day 2023 Special: साहित्य किसी भी समाज का आईना होता है. जब एक लेखक अपनी कलम से साहित्य का निर्माण करता है तो कथानक के साथ कई किरदार अपनी अपनी विचारधाराओं की आड़ में एक दूसरे से टकराते हैं, बहस करते हैं और इंसाफ मांगते आगे बढ़ते चलते हैं. आदर्श और यर्थात की ये कहानियां खुद लेखक के समाज से ही उपजती हैं जो पाठक के सामने कई सवाल खड़ा करते चलता है. आज महिला दिवस के अवसर पर हम कुछ ऐसी भारतीय महिला लेखिकाओं की चर्चा कर रहे हैं जिन्होंने डर, अन्याय, बेबसी में जी रहे किरदारों पर खुलकर लिखा और एक अलग ही अंदाज में समाज को आईना दिखाने का सफल प्रयास किया. आइए जानते हैं उनके बारे में.
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