राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का हेड कोच बने एक साल हो चुका है. उनकी कोचिंग में भारतीय टी20 भले ही आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाई. लेकिन टी20 और वनडे में नंबर-1 बनी और द्विपक्षीय सीरीज में टीम ने जोरदार प्रदर्शन किया. द्रविड़ की गिनती अपने दौर के महान बल्लेबाजों में होती है. उनकी सफलता के पीछे उनकी पत्नी विजेता का भी त्याग और योगदान रहा है. पेशे से डॉक्टर होने के बावजूद विजेता ने अपने करियर की कुर्बानी दी. ताकि द्रविड़ क्रिकेट खेल सकें. अब इस कपल का बेटा समित टीम इंडिया की तरफ से खेलने के लिए तैयार हो रहा.
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