Blast in Afghanistan: हाल के दिनों में देखें तो तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद बड़ी संख्या में चीनी कारोबारियों का अफगानिस्तान आना-जाना लगा रहता है. साथ ही अफगानिस्तानी शासन को आधिकारिक रूप से मान्यता न देते हुए भी बीजिंग ने यहां दूतावास बना रखा है.
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