Tomb of Sand: गीतांजलि श्री का लेखन जटिल बुनावटों वाला है. उनके लेखन में बाहर और भीतर की दुनिया एक साथ सधती है. अगर आप उनके लेखन से यह उम्मीद पालते हैं कि कुछ रोमांचक मिलेगा या कोई ऐसा तत्त्व जो आपके अचेतन में पैठे विलास को तुष्ट करेगा तो आपको घोर निराशा होगी. हां अगर आप किसी संवेदनशील विचार-लेखन की सैर करना चाहें, बाहर के शोर और भीतर के सन्नाटे को पहचानना चाहें, बदलावों-ठहरावों के बयार को बारीकी से समझने की मंशा हो, तो उनका लेखन शायद आपकी मदद कर सकता है.
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