Sehat ki Baat: दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई शहरों में पॉल्यूशन चरम पर पहुंच चुका है. वहीं, दीवाली पर होने वाली आतिशबाजी के बाद आबोहवा लगभग जहरीली सी हो चलेगी. ऐसे में सबसे बड़ी मुसीबत उनके लिए है, जो अस्थमा के मरीजा है, जिन्हें सांस की बीमारी है या पोस्ट कोविड स्टेज में हैं. इन तीनों कैटेगरी के लोगों के लिए ये दो महीने काटने किसी चुनौती से कम नहीं हैं. पॉल्यूशन की वजह से खड़ी चुनौतियों से लड़ने और सेहत को दुरुस्त रखने के उपायों को लेकर हमने इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी एण्ड रेस्पिरेटरी मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निखिल मोदी से खास बातचीत की है. बातचीत में पढ़िए … अस्थमा और सांस के मरीज खुद को कैसे संभाल के रखे.
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