इकरा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के मुताबिक, राहत के नए उपायों को लागू करने से सरकार के खर्च में 60,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी होगी,एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की लीड इकोनॉमिस्ट माधवी अरोड़ा ने कहा- मंदी में खर्च, ग्रोथ में टैक्स रेट बढ़ाने की फिस्कल पॉलिसी का असर देखना अहम,FICCI के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट संजीव मेहता के मुताबिक, कंजम्पशन डिमांड बढ़ाने के लिए लोगों के बीच फिर से भरोसा बनाने की जरूरत
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