295 दिन बाद सोमवार से सभी सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेजों में ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो गई। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 50 फीसदी विद्यार्थियों के साथ कॉलेज खोलने की अनुमति देने के बाद पहली बार कॉलेज कैंपस में चहल-पहल देखने को मिली। हालांकि पहले दिन उन्हीं बच्चों को एंट्री मिली, जो परिजन के अनुमति पत्र लेकर पहुंचे। सरकारी कॉलेजों में होलकर साइंस कॉलेज में जहां 20 फीसदी बच्चे पहुंचे, वहीं अटल बिहारी वाजपेयी वाणिज्य महाविद्यालय में करीब 10 फीसदी विद्यार्थी आए। निजी कॉलेजों में भी 10 से लेकर 30 फीसदी के करीब बच्चे पहुंचे। बता दें, 20 मार्च 2020 से कॉलेजों में ऑफलाइन क्लासेज लगना बंद हुई थीं।

रेडिएंट कॉलेज के निर्देशक प्रो. कैलाश बागजई ने बताया, सुबह कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए छात्रों को एंट्री दी गई। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद छात्रों के हाथ सैनिटाइज करवाए गए। मास्क के बिना एंट्री नहीं दी थी। छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था थी। छात्रों को पानी की बोतल, स्टेशनरी समेत अन्य वस्तुओं का लेन-देन प्रतिबंधित था। उन्होंने बताया, लंबे समय से तो हम ऑनलाइन क्लास के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे थे, लेकिन बच्चों की मांग थी कि वे डाउट को क्लियर करने के लिए ऑफलाइन क्लास अटेंड करें। फैकल्टी के साथ ही सभी छात्र गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं।
छात्र सुजीत ने बताया, कॉलेज से स्पष्ट निर्देश हैं कि सैनिटाइज के साथ ही मास्क अनिवार्य है। कॉलेज में एंट्री के साथ तापमान नापा गया, सैनिटाइजेशन के बाद हम भीतर पहुंचे, जहां नियत दूरी पर हमें बैठाया गया। इसके अलावा हमें साथियों से किसी भी सामान की अदला-बदली करने की सख्त मनाही है।

कोरोना के कारण 50 फीसदी विद्यार्थी को आने की अनुमति
शहर के 150 से ज्यादा कॉलेज कैंपस ऑफलाइन पढ़ाई के लिए तैयार हैं। शुरू के 10 दिन बीकॉम, बीए और बीएससी फाइनल ईयर के छात्र आए। फिर 20 से प्रथम और दूसरे वर्ष के भी छात्र आएंगे। सभी सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेजों को 11 जनवरी से 50 फीसदी उपस्थिति के साथ कॉलेज खोलने की अनुमति जारी की थी। यह भी कहा है, गाइडलाइन का पालन करना होगा। इसके लिए बाकायदा अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे। रोज आधे-आधे छात्र बुलाना होंगे। 20 जनवरी से सारी क्लास लगेंगी।

ऐसा दिखा कैंपस और क्लास रूम का नजारा
- सुबह 10 से 12 बजे तक ज्यादातर कॉलेजों में पढ़ाई हुई।
- बिना मास्क और बगैर आई कार्ड एंट्री नहीं दी गई।
- मुख्य गेट और क्लास रूम के बाहर सैनिटाइजर की व्यवस्था थी।
- इलेक्ट्रॉनिक थर्मामीटर से बुखार नापने के बाद ही एंट्री मिली।
- एक टेबल पर सिर्फ एक ही छात्र के बैठने की व्यवस्था थी।
- क्लास रूम में पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ।
- किसी को भी जरा भी बुखार, सर्दी, खांसी के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल अभिभावक और डॉक्टर को सूचना देने के आदेश थे।
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