लद्दाख के द्रास सेक्टर में तैनात 79 मिड रेजिमेंट का जवान कुलदीप सिंह (41) पुत्र गुरदास सिंह निवासी गांव जगतपुर, हिमाचल प्रदेश अपनी ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया था। रविवार को शहीद जवान कुलदीप सिंह के पार्थिव शरीर को सेना के अधिकारियों द्वारा पूरे सम्मान के साथ उनके गांव जगतपुर में लाया गया। इसके बाद क्षेत्र के लोगों द्वारा एक काफिले के रूप में शहीद के शव को पूरे सम्मान के साथ गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब के निकट सतलुज दरिया पर बने श्मशानघाट में लाया गया। जहां सैन्य सम्मान के साथ नालागढ़ क्षेत्र के लोगों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
वहां पर कर्नल आशीष सी थॉमस के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी ने शहीद कुलदीप सिंह को सलामी दी। इस मौके शहीद कुलदीप सिंह के पिता गुरदास सिंह, भाई सुरिंदर सिंह एवं जोगिंदर सिंह के अलावा विधायक लखविंदर सिंह राणा नालागढ़, एसडीपीओ विवेक चौहान नालागढ़, तहसीलदार नालागढ़ ऋषभ शर्मा, थाना मुखी नालागढ़ इंस्पेक्टर निर्मल दास मौजूद थे।
जिकरयोग्य है कि शहीद कुलदीप सिंह की पत्नी रेनू देवी अौर दो छोटी बेटियां हैं। बड़ी बेटी नवदीप कौर 14 वर्ष एवं छोटी बेटी अमनदीप कौर 9 वर्ष की है। शहीद कुलदीप सिंह के दादा दौलत सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे जबकि उनका बड़ा भाई बीएसएफ से रिटायर अधिकारी है।
पत्रकारों के साथ बातचीत में शहीद कुलदीप सिंह के बड़े भाई सुरिंदर सिंह सेवामुक्त बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि उन्हें छोटे भाई की मौत पर दुख है पर इस बात के लिए गर्व महसूस हो रहा है कि उनका भाई कुलदीप सिंह बर्फीले पहाड़ों पर देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार से शहीद की पत्नी एवं उसकी बेटियों की सरकारी तौर पर हर संभव सहायता करने की मांग की।
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