सीएम शिवराजसिंह चौहान ने गैंगरेप पीड़ित को बचाने वाली सागर के आवचंद गांव की रहने वाली श्रीबाई का सम्मान किया। कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष में ऑनलाइन कार्यक्रम में भोपाल से सीएम ने श्रीबाई की जुबानी घटना सुनी। इसके बाद कमिश्नर मुकेश शुक्ला व आईजी अनिल शर्मा ने श्रीबाई धानुक को 'मैं हूं असली हीरो' सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में सीएम ने पहले श्रीबाई से ही बात की। उनके साहस व जज्बे की प्रशंसा करते हुए दूसरों को भी इससे प्रेरणा लेने के लिए कहा।
सीएम ने श्रीबाई से कहा कि 'आपका जीवन धन्य है। मैं आपका अभिनंदन करता हूं।' कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने सभी को प्रणाम किया। इसके बाद श्रीबाई से कहा- आप एक मिनट में बताइए कि आपने कैसे और क्या किया? श्रीबाई ने भी खड़े होकर घटनाक्रम बताना शुरू किया। श्रीबाई के कुर्सी से उठते ही सभी अधिकारी भी खड़े हो गए। घटना सुनने के बाद सीएम ने कहा कि आपने अद्भुत काम किया, आपको डर नहीं लगा? इस पर श्रीबाई ने कहा कि नहीं। सीएम ने कहा, यह असली हीरो हैं।

सीएम ने श्रीबाई की जुबानी सुना वाकया
मामाजी.. दोपहर एक बजे तिली काट रहे थे, हम खेत पर। महिला दौड़ते हुए आकर कहने लगी कि बाई बचा लें। तीन लोग मारने के लिए पीछे लगे हैं। महिला के साथ एक, एक साल को और एक दो महीना को बच्चा हतो। बा हमसे लिपड़ गई कि हमें बचा लें। हमने कई कोई न मार पे है, हम खड़े हैं। हंसिया लए थे हम तिली काट रए थे। वो आदमी कहन लगो कि हमाई साली आए। ऐ खो छोड़ों। हमने कई नई छोड़ रए। बा केवे के अम्मा तुम छोड़ ने दिओ न जो हमें मार दे है। हमने कई नई तुम इते से डग नहीं धर रईं हम खड़े। हम हंसिया लए थे, हमने हाथ में ले लो और कई आओ। एक आओ और कहन लगो कि हमाई साली आए जा छोड़ो। तुमाई को आए जे, तुम काये बचा रईं। हमने कई हम भी मर जे ओ के संगे, ओ खो नई मार सकत तुम। इतने में हमने हमाए लड़का देवराज को आवाज लगाई। इते आओ बाहरी आदमी आए एक और खो मार रए और हमें मार रए। देवराज आओ सो कहन लगो खड़े रहो मई। फिर कोटवार को और थानेदार को फोन लगवावे की कही, पुलिस बुलवा रए। इतने में सब गदबद दे गए। फिर महिला को हम घरे ले गए गांवों और साड़ी पहनाकर कोटवार के पास महिला कर दई। ओ के बच्चों को खाना-पीना खिलाओ, दूध पियाओ हमने। 100 नंबर खो फोन लगाओ थाने सूचना दई।
खेती करती हैं श्रीबाई
सानौधा थाना क्षेत्र के गुफा आवचंद गांव में रहने वाली श्रीबाई धानक खेती करती हैं। उनके परिवार में दो बेटा, दो बहू हैं। चार बेटियां हैं। दो ननद हैं। मां-बाप हैं। जो सब गांव में खेती-किसानी करते हैं। श्रीबाई ने कहा कि जैसी हमने महिला की जान बचाई है। वैसे ही, अब हर बेटी को बचाना है। लोगों को जागरूक करेंगे कि अब यदि ऐसी घटना हो, तो वहां जो भी मौजूद हो, वह महिला व बेटी को जरूर बचाए। कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर दीपक सिंह, एसपी अतुल सिंह, एडिशनल एसपी विक्रम कुशवाहा, सीएसपी रामवरन प्रजापति, सानौधा टीआई रविभूषण पाठक सहित अन्य पुलिस व अधिकारी मौजूद थे।
Download Dainik Bhaskar App to learn Latest Hindi News Today