लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के इतिहास को पढ़ सकें, इसके लिए हिंदू महासभा ने सोमवार दोपहर 1 बजे दौलतगंज में 'गोडसे की ज्ञान शाला' शुरू की है। इसमें गोडसे के अलावा अन्य शहीदों का इतिहास रखा गया है। ज्ञान शाला का शुभारंभ गोडसे के चित्र के सामने दीप प्रज्वलन व आरती उतार कर किया गया। गोडसे की ज्ञान शाला को लेकर भी महासभा विवादों में घिर गई है। खास है, कार्यक्रम में सावरकर व श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ ही अन्य कई शहीदों को गोडसे के समकक्ष रख पूजा गया।
गौरतलब है, हिंदू महासभा गोडसे का मंदिर बनवाने, जन्मदिन मनाने आदि को लेकर विवादों में रही है।

गोडसे के साथ इनका भी ज्ञान मिलेगा
ज्ञान शाला में गोडसे के अलावा गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह, सरदार अजीत सिंह, सरदार जुझार सिंह, सरदार जोरावर सिंह, सरदार फतेह सिंह, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, स्वामी श्रद्धानंद के साथ ही वीर सावरकर, डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी की के चित्र बैनर पर शहीदों के रूप में लगाए गए हैं।
महासभा ने कहा- गोडसे के अंतिम बयान करेंगे प्रचारित
हिंदू महासभा के पदाधिकारियों का कहना है कि ज्ञान शाला में शहीदों का इतिहास, उनकी कुर्बानियों को गिनाया जाएगा। साथ ही, गोडसे के अंतिम बयान को प्रचारित किया जाएगा।
अंदर कार्यक्रम, पुलिस भी तैनात
जब अंदर महासभा का कार्यक्रम चल रहा था, तभी बाहर पुलिस फोर्स तैनात था। पुलिस किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी, जबकि अंदर गोडसे पूजन के दौरान उनके अंतिम नारे "उठो जवानों फूंको दम, चलो कराची फेंको बम" के नारे लगाए गए।
कांग्रेस की आपत्ति
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह हत्या जैसे अपराधों को बढ़ावा देने जैसा है।
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