करीब नौ महीने बाद कॉलेजों में क्लासेज शुरू हुईं। प्रैक्टिकल के साथ यूजी और पीजी फाइनल इयर के छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ क्लास में बैठाया गया था। 50 प्रतिशत छात्रों की तुलना में पहले दिन उपस्थिति 10 से 15 प्रतिशत ही रही। सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद कॉलेज में प्रवेश मिला। 295 दिन बाद कॉलेज में लौटी रौनक देख छात्रों के साथ प्रोफेसरों और अन्य स्टाफ भी खुश दिखे। बिना मास्क के पहुंचे छात्र-छात्राओं को कॉलेज की ओर से इसे उपलब्ध कराया गया।
अभिभावक की सहमति पत्र के साथ एंट्री
जिले में 20 मार्च को कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हुए थे। अब 295 दिन बाद सोमवार से सभी सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेजों में ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो गई। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 50 फीसदी विद्यार्थियों के साथ कॉलेज खोलने की अनुमति देने के बाद पहली बार कॉलेज कैंपस में चहल-पहल लौटी। छात्रों को इंट्री से पहले परिजनों की सहमति पत्र लेकर पहुंचना था।
कैंपस का नजारा
- सुबह 10 से 12 बजे तक ज्यादातर कॉलेजों में पढ़ाई हुई।
- बिना मास्क और बगैर आई कार्ड एंट्री नहीं दी गई।
- मुख्य गेट और क्लास रूम के बाहर सैनिटाइजर की व्यवस्था थी।
- थर्मामीटर से बुखार नापने के बाद ही एंट्री मिली।
- एक टेबल पर सिर्फ एक ही छात्र या छात्रा के बैठने की व्यवस्था थी।
- क्लास रूम में पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ।

साइंस कॉलेज कैम्पस
सरकारी होम साइंस कॉलेज में 15 प्रतिशत के लगभग छात्र-छात्राएं पहले दिन ऑफलाइन में शामिल हुए। क्लास रूम में 10 से 12 छात्र ही नजर आए। सभी को दूर-दूर बिठाकर पढ़ाई गया। कॉलेज प्राचार्य डॉ. अखिलेश अयाची ने बताया कि अभी 50 फीसद क्षमता के साथ ही कक्षाएं खोली गई है।
लाइब्रेरी से पुस्तक जारी की जाएगी, लेकिन रीडिंग हॉल नहीं खुलेगा। छात्राओं को पुस्तक घर ले जाकर ही पढ़ने को दी जाएगी। इसके अलावा कम्प्यूटर लैब भी बंद रहेगा। कॉलेज में टिफिन, बॉटल का इस्तेमाल छात्राएं नहीं कर पाएंगी। उनके अनुसार पहले दिन संख्या कम है, लेकिन नियमित कॉलेज खुलने से आने वाले दिनों में संख्या में इजाफा होगा।

मातागुजरी महिला महाविद्यालय
मातागुजरी महिला महाविद्यालय में नाम मात्र की उपस्थिति रही। लोकल रहने वाली छात्राएं ही पहुंची थीं। महाविद्यालय परिसर में 10 प्रतिशत के लगभग छात्राएं पहुंची थीं। वाणिज्य संकाय के प्रमुख डॉ.महेंद्र जैन ने बताया कि छात्राओं की संख्या कम है। संस्थान में अभी प्रैक्टिकल कराया जा रहा है। लंबे वक्त के बाद कक्षाओं में छात्राएं पहुंची है। उन्होंने कहा कि मास्क और सैनिटाइजर के बाद ही सभी को कैम्पस में प्रवेश दिया गया।

महाकौशल कॉलेज
महाकौशल कॉलेज में भी पहले दिन 10 प्रतिशत ही छात्र पहुंचे थे। लम्बे अंतराल के बाद कॉलेज ऑफलाइन शुरू होने से बच्चों में खुशी थी। उनका कहना था कि ऑनलाइन किताबी ज्ञान की तरह होता है। सही पढ़ाई तो तभी जब सामने प्रोफेसर हो। प्राचार्य डॉ. अरुण शुक्ल ने कहा कि कॉलेज में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कराने के बाद ही प्रवेश दिया गया। कुछ विद्यार्थी बिना मास्क के पहुंचे तो उन्हें मास्क उपलब्ध कराया गया।
अभी 50 फीसदी विद्यार्थी को आने की अनुमति
शहर के 40 से ज्यादा कॉलेज कैंपस में ऑफलाइन पढ़ाई के लिए पहले दिन स्नातक और स्नोतकोत्तर फाइनल ईयर के छात्र पहुंचे थे। 20 जनवरी से फस्ट, सेकेंड ईयर के भी छात्र-छात्राएं आएंगे। सभी कॉलेज को 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कॉलेज खोलने की अनुमति मिली है।
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