डाक्टर साहब! मैंने विदेश टूर पर जाना है, लेकिन कोरोना सैंपल नहीं देना चाहता और मुझे रिपोर्ट कोरोना निगेटिव बना दो, पैसे बताओ कितने लगेंगे, सर मैंने शिमला दोस्तों के साथ घूमने जाना है, मुझे कोरोना रिपोर्ट निगेटिव चाहिए। मेरा वीजा खत्म हो गया है, विदेश जाना है, लेकिन बिना सैंपल दिए रिपोर्ट निगेटिव चाहिए, कितने पैसे लगेंगे।
सरकारी अस्पताल में बने कोराेना सैंपल लेने के लिए बने फ्लू र्कानर में कुछ ऐसे ही लोग हर रोज पहुंच रहे हैं। लेकिन इनकी बात नहीं बन रही क्योंकि ऐसा संभव नहीं है और डाक्टर उनको कोरोना सैंपल की प्रक्रिया पूरी करने की सलाह दे रहे हैं। बता दें कि डब्ल्यूएचओ की ओर से कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद लोगों में डर बढ़ गया है।
इस घोषणा का असर सबसे ज्यादा उन लोगों पर दिख रहा है जिन्हें आगामी कुछ दिन में विदेश जाना है। सिविल अस्पताल के फ्लू कार्नर व ओपीडी में डाक्टरों के रूम में प्रतिदिन 30 से 40 एेसे लोग पहुंच रहे हैं, जाे बीमार नहीं होने के बावजूद कोरोना वायरस का टेस्ट करवाना चाहते हैं। ओपीडी पर्ची पर पेशेंट इज नॉट इन्फेक्टेड बाय कोरोना एंड डॉक्टर्स अलाउ द पेशेंट फॉर फाॅरेन टूर लिखवाने के लिए डाक्टरों पर दबाव बनाया जा रहा है। वहीं इस मामले में एसएमओ डा. मनिंदर पाल ने कहा कि इस तरह से कोई रिपोर्ट देना संभव नहीं है।
1.वीजा पूरा होने को, सिंगापुर जाना है
तीन माह पहले सिंगापुर से आया कंस्ट्रक्शन वर्कर शनिवार को अस्पताल में जांच करवाने पहुंचा। डॉक्टर ने व्यक्ति को स्वस्थ बताया, लेकिन वह बोला कि पर्ची पर मोहर लगाकर दें कि कोई बीमारी नहीं है व कोरोना का कोई लक्षण नहीं है। जब डॉक्टर ने पूछा, तुम यह सर्टिफिकेट क्यों चाहते हो तो जवाब मिला, वीजा खत्म होने वाला है। उसे सिंगापुर जाना है।
2. शिमला घूमने को मांगा सर्टिफिकेट
इसी तरह 36 वर्षीय नितिन फ्लू कार्नर में डॉक्टर के पास फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पहुंचा। जब डॉक्टर ने पूछा, क्या तुम्हें सरकारी नौकरी के लिए सर्टिफिकेट चाहिए, तो वह बोला, नहीं उसे अपने दोस्तों के साथ शिमला घूमने के लिए जाना है। इसलिए सर्टिफिकेट चाहिए कि उसे कोई बीमारी नहीं है। खासकर कोरोना वायरस का काेई मामला नहीं है।
सिविल अस्पताल में प्रतिदिन आ रहे ऐसे 30 से 40 लोग
इन दिनों प्रतिदिन 30 से 40 लोग ऐसे आ रहे जो विदेश व अन्य कार्य के लिए नेगेटिव प्राप्त करने के एवज में पैसों की लालच व नेताओं से फोन भी करवा रहे हैं। सैंपलों की जांच के लिए फरीदकोट मेडिकल कालेज भेजा जाता है। रिपोर्ट ऑनलाइन तैयार होकर आती है। इसके लिए आरटीपीसीआर की रिपोर्ट मान्य है, रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट नहीं मानी जाती है। सिविल अस्पताल में जाे लोग कोरोना वायरस से संक्रमित न होने का सर्टिफिकेट बनवाने अा रहे हैं, उनमें अधिकतर लोग ऐसे हैं जो बाहर घूमने या किसी अन्य काम के सिलसिले से विदेश जाना चाहते हैं। ओपीडी में तैनात एक डॉक्टर ने बताया कि उनके पास पिछले हफ्ते ऐसे कई लोग आए। उन्हें किसी ने गाइड किया कि एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग से बचना है तो सरकारी अस्पताल से फिटनेस सर्टिफिकेट बनवा लो। जब मरीज को समझाया कि ऐसा कोई टेस्ट नहीं होता तो वह पैसों का ऑफर करने लगा।
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