आत्मनिर्भर भारत के तहत यूजीसी टॉयकाथॉन-2021 का आयोजन किया जा रहा है। यूजीसी ने केंद्र सरकार के निर्देश पर भारत में आधुनिक खिलौने और बच्चों के लिए नया गेम बनाने के लिए यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के स्टूडेंट्स को मौका देने का निर्णय लिया है। इस टॉयकथॉन-2021 के जरिए विद्यार्थियों और शिक्षकों के नए-नए आइडियाज से खिलौने, गेम डिजाइन व एप बनाने की पहल होगी।
इसके लिए विद्यार्थी और टीचर्स 20 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। यूजीसी की ओर से जारी पत्र ये खिलौने भारतीय इतिहास, सभ्यता, संस्कृति पर आधारित होने चाहिए। टॉयकाथॉन-2021 के विजेता को 50 लाख रुपए पुरस्कार दिया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि इस टॉयकाथॉन-2021 में भाग लेने के लिए संस्थान के विद्यार्थी और शिक्षक 20 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं।
यूजीसी के आत्मनिर्भर भारत के तहत इसका नाम टॉय मेकिंग इंडिया रखा गया है। इससे भारत को खिलौनों और खेलों के लिए ग्लोबल हब के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। चीन से व्यापारिक रिश्ते बंद होने के बाद से भारत में चीन द्वारा निर्मित खिलौने का बहिष्कार करने व भारत में ही खिलौने का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। इसी के तहत टॉयकाथॉन हो रहा है।
प्रिंसिपलों ने बताया सराहनीय कदम, स्टूडेंट्स को क्रिएटिविटी दिखाने का मिला अवसर
एचएमवी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. अजय सरीन ने यूजीसी के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विद्यार्थियों को इस टॉयकाथॉन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है और कॉलेज के बने मैंटोरिंग ग्रुप्स में स्टूडेंट्स को सूचित किया जा चुका है। विद्यार्थियों के लिए अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का यह अच्छा अवसर है। वहीं, लायलपुर खालसा कॉलेज के प्रिं. डॉ. गुरपिंदर सिंह समरा ने कहा विद्यार्थियों को इस कंपीटिशन के बारे में सोशल मैसेजिंग एप के साथ-साथ उन्हें मैसेज भी कर दिया गया है। इस तरह की गतिविधियां विद्यार्थियों में क्रिएटिविटी बढ़ाती हैं। यूजीसी की तरफ से टॉयकाथॉन 2021 का आयोजन विद्यार्थियों को एक नई दिशा देगा।
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