दो दिन से सांभर को पकड़ने के लिए जंगलात विभाग की टीम मकसूदां इलाके में घूम रही है, लेकिन सांभर काबू में नहीं आ रहा है। वहीं कबूलपुर गांव में बंदर के आंतक से गांववासी काफी परेशान हुए तो उन्होंने जंगलात विभाग के उच्च अधिकारियों को फोन कर जानकारी दी, जिन्होंने जालंधर में टीम को सूचित किया और पिंजरा लगाया गया और रविवार देर शाम को बंदर पिंजरे में आ गया, जिसे बाद में जंगल में छोड़ दिया गया।
जानवरों को पकड़ने में विभाग के छूट रहे पसीने, अधिकारियों के पास हर रोज आ रहे 10 से 15 फोन
डीएवी कॉलेज के पास दो दिन से सांभर घूम रहा है, जिसे पकड़ने के लिए टीम जब मौके पर जाती है तो सांभर नागरा गांव की तरफ भाग जाता है। उच्च अधिकारियों को हर रोज 10 से 15 फोन केवल ये ही आ रहे हैं कि जांलधर में सांभर व बंदर आ रहे हैं, जिससे लोग डरे हुए हैं। जंगलता विभाग के कर्मचारी प्रदीप ने बताया कि सांभर को पकड़ने के लिए दो बार वे मकसूदां इलाके में गए, लेकिन लोगों के शोर व डर के कारण वे
एक जगह पर टिक नहीं पा रहा है। जबकि लोगों से बार-बार अपील की जा रही है कि जब सांभर आए तो उससे दूर रहें और न ही उसे पत्थर मारें। क्योंकि डर के मारे वे इधर-उधर भागता है और इस दौरान अगर वे किसी वाहन से टकरा गया तो मौत हो सकती है, लेकिन लोग इस बात को बिल्कुल नहीं समझ रहे। कबूलपुर गांव में बंदर आने की सूचना उन्हें मिली तो उन्होंने गांव में पिंजरा लगवा दिया। देर शाम को बंदर आखिर काबू में आ गया और लोगों ने राहत की सांस ली।
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