कोरोना के बाद से ऑनलाइन शिक्षा पर बढ़ाये जा रहे फोकस में कम आय वाले परिवारों से आ रहे छात्रों की मदद के लिए हरियाणा और पंजाब की एनआरआई संस्था ने लुधियाना के नजदीक पक्खोवाल गांव में एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस प्रोजेक्ट के तहत सेवा ट्रस्ट यूके और हरियाणा स्थित गैर सरकारी जिला युवा विकास संगठन ने मिलकर 6 लाख रुपए के खर्च से पक्खोवाल गांव के दो सरकारी स्कूलों के चुने गए 40
बच्चों को टैब्स प्रदान किए हैं। इस संयुक्त कार्यक्रम के तहत शनिवार को लुधियाना के पास सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पक्खोवाल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन अफसर राजिंदर कौर, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. प्रतिभा सिंह और जिला युवा विकास संगठन के सचिव नरेश मित्तल ने 40 बच्चों को टैबलेट वितरित किए।
यूके की टीम से चर्चा करने के बाद संस्था ने पक्खोवाल के आसपास के 12 गांवों के छात्रों का किया चयन
सेवा ट्रस्ट यूके के स्टेट को-ऑर्डिनेटर बलजिंदर सिंह ग्रेवाल ने बताया की स्कूल और शिक्षकों की मदद से उन्होंने पक्खोवाल के आसपास के 12 गांवों के 40 बच्चों और जालंधर के पास के एक गांव के एक छात्र का चयन किया है। 90percentसे अधिक बच्चे बहुत कम आय वाले परिवारों से हैं जो आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। इससे उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने में सुविधा मिलेगी।
ग्रेवाल ने बताया की कोरोना के कारण शैक्षणिक संस्थानों ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कीं। कम आय वाले परिवारों के बच्चे बुरी तरह प्रभावित हुए क्योंकि वे ऑनलाइन सीखने के लिए आवश्यक आईटी उपकरण खरीदने का खर्च नहीं उठा सकते थे। उन्होंने अपनी यूके टीम के साथ इस प्रतिक्रिया को साझा किया और अध्यक्ष चरण कंवल सिंह सेखों ने हरियाणा के जिला युवा विकास संगठन के साथ एक संयुक्त परियोजना स्थापित करने के लिए इस पहल का नेतृत्व किया। ग्रामीण बच्चों के लिए हरियाणा में कई सफल परियोजनाएं प्रदान कर चुके इस संगठन ने वाईफाई और मोबाइल सिम सक्षम टैब्स वितरित करने का फैसला लिया गया।स्कूल के लिए
सोलर बिजली और अन्य प्रोजेक्ट भी चला रही संस्थाएं
चरण कंवल सिंह सेखों ने बताया के 2016 से पंजाब में काम कर रहे हैं और पक्खोवाल ब्लॉक के कई गांवों में 500 से अधिक बच्चों का समर्थन करते हैं। बरुंडी स्कूल के लिए एक सौर ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किया, जो सौर ऊर्जा पर चलने वाला पंजाब राज्य का पहला सरकारी प्राथमिक विद्यालय था। सभी सेवा ट्रस्ट टीम के सदस्य अवैतनिक स्वयंसेवक हैं जो समुदायों को सर्वोत्तम तरीके से सेवा देने की कोशिश कर रहे हैं। हम भव्य कार्यों या वीआईपी समारोहों में एक भी रुपया बर्बाद नहीं करना चाहते हैं, हर रुपया ज़रूरतमंद बच्चों की मदद के लिए जाता है। उन्होंने बताया की इसके अलावा भी वे एक लाख रुपए और पक्खोवाल और बरुंडी स्कूलों को दान कर रहे हैं। दोनों को 50, 000 रुपये दिए जाएंगे। कोरोना महामारी के दौरान संस्था ने ब्रिटेन में 650 से अधिक छात्रों और 300 से अधिक परिवारों का समर्थन किया है। सभी सामुदायिक कार्यों के अलावा सेवा ट्रस्ट की टीमें ब्रिटेन में काम कर रही हैं।
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