देशभर में 16 जनवरी से कोरोना का टीकाकरण शुरू होने जा रहा है। मप्र में इंदौर और भोपाल ऐसे दो शहर हैं, जहां के लांचिंग साइट (टीकाकरण केंद्र) को सीधे दिल्ली से मॉनिटर किया जाएगा। MP में वैक्सीनेशन का एमवाय अस्पताल लांचिंग सेंटर हाेगा। यहां से राज्य से 302 केंद्रों की सीधे निगरानी की जाएगी। इंदाैर में 104 सेंटर पर वैक्सीनेशन किया जाएगा। इसमें सरकारी अस्पतालों के साथ ही करीब-करीब सभी बड़े निजी अस्पताल भी शामिल हैं।
मंगलवार काे वैक्सीनेशन करने वाले मेंबर काे एक बार फिर ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें टीकाकरण करने वाले स्टाफ के पांच सदस्यों समेत सुपरविजन अधिकारी भी शामिल होंगे। वैक्सीनेशन को लेकर माइक्राे प्लानिंग के साथ ही लॉजिस्टिक पर काम चल रहा है। वैक्सीन काे लेकर अभी तक तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि 14 जनवरी को वैक्सीन इंदौर आ सकती है।
एमवायएच में पांच टीकाकरण केंद्र बनाए जा रहे हैं। इसमें से दो ऑडिटोरियम में होंगे, जहां ड्राई-रन किया गया था। एमवाय के पांच और हुकुमचंद पॉलीक्लिनिक सेंटर मिलाकर कुल 6 सेंटर की निगरानी दिल्ली से होगी। यूं तो चारों ब्लॉक मुख्यालयों समेत जिले में 100 से अधिक टीकाकरण केंद्र बनाए जा रहे हैं। इसमें सभी बड़े निजी अस्पताल भी शामिल हैं। रविवार को इन सभी अस्पतालों से ड्यूटी के लिए कर्मचारियों के नाम मंगवाए गए थे, जिन्हें मंगलवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा। टीकाकरण केंद्रों पर होमगार्ड के 100 जवान भी तैनात होंगे। जानकारी है, टीकाकरण करने वालों समेत एक केंद्र पर कम से कम 8 से 10 लोगों का स्टाफ रहेगा।
(*14*)मप्र में 302 साइट्स पर सीधी निगरानी
दिल्ली से इंदौर और भोपाल के केंद्रों से लाइव टेलीकास्ट देखा जाएगा यानि इन केंद्रों पर स्वास्थ्य मंत्रालय की निगरानी रहेगी, लेकिन प्रदेश के अधिकारियों को चुनिंदा केंद्रों की सीधी निगरानी रखना होगी। देश में ऐसे 5 हजार टीकाकरण केंद्र चिन्हित किए गए हैं। मप्र में ऐसे केंद्रों की संख्या 302 रहेगी, जहां स्टेट मॉनीटरिंग कंट्रोल कमांड से निगरानी रखी जाएगी।
(*14*)14 जनवरी को इंदौर आ सकता है टीका
कोविड-19 के टीके के लिए केंद्रों पर व्यवस्थाओं का इंतजाम करने में सभी विभागों के अधिकारी जुटे हैं। सोमवार को भी दिनभर इसे लेकर मीटिंग चलती रही। टीका कब तक आएगा, इस बारेे में अब तक किसी के पास स्पष्ट जानकारी नहीं है। चूंकि 16 जनवरी से टीके लगना शुरू होंगे, इसलिए अधिकारियों का मानना है कि एक से दो दिन पहले ही टीका आ जाएगा। इसी हिसाब से 14 जनवरी को टीका इंदौर आ सकता है।
(*14*)पांच दिन में लगेंगे स्वास्थ्यकर्मियों को टीके
इंदौर में 26 हजार स्वास्थ्यकर्मियों सहित मप्र में 4 लाख 13 हजार लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पांच दिन की समयावधि तय की गई है। इसके बाद दूसरी श्रेणी के फ्रंटलाइन वर्कर्स को इसका लाभ मिलेगा। एक केंद्र पर एक दिन में अधिकतम 100 लोगों को ही टीका लगाया जा सकेगा। राज्य नोडल अधिकारी, कोविड-19 वैक्सीन डॉ. संतोष शुक्ला का कहना है कि कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षित है। अज्ञानता के कारण फैली भ्रांतियों से बचना चाहिए। जल्द ही, कोविड-वैक्सीन प्रदेश को मिल जाएगा। टीकाकरण केंद्र बनकर तैयार हैं।
(*14*)80 हजार लोगों को तीसरे चरण में लगेगा टीका
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 9 जनवरी तक कुल संक्रमितों की संख्या 56 हजार 539 तक पहुंच गई है। इनमें से मृतकों की संख्या 910 हो गई है। अधिक उम्र, पुरानी बीमारी और मोटापे को बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है। 50 साल से अधिक उम्र के 772 लोगों में से 538 सिर्फ पुरुष हैं, जबकि महिलाओं की संख्या 234 है। मप्र की आबादी 8 करोड़ है। इनमें से एक करोड़ 43 लाख लोग इसी आयु वर्ग के हैं। करीब 20 प्रतिशत आबादी 50 साल से अधिक उम्र की है। इंदौर जिले की बात करें, तो यहां की आबादी 40 लाख के करीब है। इस हिसाब से 80 हजार लोगों को तीसरे चरण में वैक्सीन लगेगी। कोरोना सर्वे प्रभारी डॉ. अनिल डोंगरे कहते हैं कि संक्रमितों की संख्या अन्य आयु वर्ग में भी ज्यादा है, लेकिन मृतकों में अधिक उम्र और को-मोर्बिडिटी (पुरानी बीमारी) के मरीजों की संख्या अधिक थी।
(*14*)50 पार की आबादी 20 प्रतिशत, लेकिन मरने वालों में 84 %
शहर में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या कुल आबादी का 20 प्रतिशत मानी जा रही है, लेकिन कोरोना से कुल 910 मृतकों में से इनकी संख्या 84.83 प्रतिशत है। इनमें भी ज्यादातर किसी ना किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित थे।
(*14*)कोरोना के साथ पुरानी बीमारियों से पीड़ित
(*14*)बीमारी | (*14*)संख्या |
अस्थमा | 79 |
डायबिटीज | 447 |
पल्मोनरी | 10 |
हार्ट डिसीज | 50 |
हाईपरटेंशन |
398 |
(*14*)ऐसे होगा वैक्सीनेशन
- पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मी।
- दूसरे चरण में नगर निगम, पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों के फ्रंट लाइन वर्कर्स।
- अगले चरण में 50 साल की उम्र पार कर चुके उन लोगों की, जो सर्वाधिक रिस्क-जोन में माने जाते हैं।
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