कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने रजनीकांत और कमल हासन को औसत दर्जे का राजनेता करार दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों फिल्मों में तो बहुत पॉपुलर रहे हैं, लेकिन जब राजनीति की बात आती है तो ये लोगों को अपनी तरफ नहीं खींच पाए। अय्यर कांग्रेस के उन तीन अहम पैनल्स में शामिल हैं, जिनका गठन कांग्रेस ने तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले किया है।
अय्यर ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि रजनीकांत ने राजनीति में नहीं आने का फैसला लिया है। उनके इस फैसले से तमिलनाडु के चुनाव में बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा, 'जब रजनीकांत ने कहा था कि वो राजनीति में आने वाले हैं, तब भी मैंने कहा था कि इससे जरा भी फर्क नहीं पड़ेगा। अब जब उन्होंने राजनीति में नहीं आने का फैसला किया है, तब भी मैं वही दोहराऊंगा। इससे जरा भी फर्क नहीं पड़ेगा। कमल हासन और रजनीकांत औसत राजनीतिक खिलाड़ी से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं।'
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MGR और जयललिता के वक्त बात और थी
उन्होंने कहा, 'पुराने दिनों में बात अलग थी, जब एमजी रामचंद्रन (MGR), शिवाजी गणेशन और जयललिता ने फिल्मों से जुड़े रहने के बाद क्रांतिकारी सामाजिक संदेश दिया। रजनीकांत और कमल हासन ने कभी भी सिनेमा का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश देने के लिए नहीं किया। ये लोग वही रहे, जो थे। ये ऐसे लोग नहीं रहे, जो अपनी राजनीतिक सोच से लोगों को खींच पाएं।'
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि सिल्वर स्क्रीन पर अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना से ज्यादा पॉपुलर कोई नहीं हुआ, लेकिन जब वो राजनीति में आए तो किस वजह से फेल हो गए। वही चीज दक्षिण में भी लागू होती है।
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29 दिसंबर को रजनीकांत ने राजनीति में न आने की बात कही थी
दक्षिण के सुपर स्टार रजनीकांत (70) ने खराब सेहत की वजह से 29 दिसंबर को चुनावी राजनीति में नहीं आने का ऐलान किया था। उन्होंने तमिल में लिखी चिट्ठी जारी कर कहा था कि वे चुनाव में उतरे बिना ही लोगों की सेवा करते रहेंगे। रजनी ने कहा था कि वे खराब सेहत के बावजूद राजनीति में आने का ऐलान कर वीरता नहीं दिखाना चाहते। अपने समर्थकों को भी परेशान नहीं करना चाहते। साथ ही कहा- इस फैसले से फैन्स को निराशा होगी, लेकिन मुझे माफ कर दीजिए। इसके पहले 3 दिसंबर को रजनीकांत ने कहा था कि वे नई पार्टी बनाएंगे और 2021 का विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे। 31 दिसंबर को नई पार्टी का ऐलान करने का ऐलान भी किया था।
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