कोरोना से निपटने के लिए देश में जल्द ही नाक से दी जाने वाली नेजल वैक्सीन का ट्रायल शुरू होगा। इसे 'कोवैक्सीन' तैयार करने वाली हैदराबाद की कम्पनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है। नेजल वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण का ट्रायल नागपुर में होगा।
एक बार ही देना होगा डोज
भारत बायोटेक के फाउंडर डॉ. कृष्णा एल्ला के मुताबिक, नेजल वैक्सीन को एक बार देना होगा। अब तक हुई रिसर्च में यह बेहतर विकल्प साबित हुई है। इसके लिए हमनें वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ करार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन के ट्रायल में करीब 45 वॉलंटियर्स का चुनाव किया जाएगा।
क्यों खास है नेजल वैक्सीन?
देश में अब तक भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' और सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने की अनुमति मिली है। कोरोना की वैक्सीन का डोज हाथ पर इंजेक्शन लगातार दिया जा रहा है, लेकिन नेजल वैक्सीन नाक में स्प्रे के जरिए दी जाएगी।
वैज्ञानिकों का मानना है कि नाक के जरिए कोरोना शरीर में एंट्री करता और हालत बिगाड़ता है, इसलिए नेजल स्प्रे असरदार साबित हो सकती है।
इम्यून रिस्पॉन्स बेहतर होता है
वाशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन ने अपनी एक रिसर्च में नेजल वैक्सीन को बेहतर वैक्सीन बताया है। यूनिवर्सिटी की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोरोना की वैक्सीन नाक के जरिए दी जाती है तो इम्यून रिस्पॉन्स बेहतर होता है।
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