पंजाब सरकार द्वारा निकाली गई 2364 ईटीटी अध्यापकों की भर्ती में से बीएड उम्मीदवारों को अयोग्य करार देने की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से डीसी कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे बेरोजगार ईटीटी टेट पास अध्यापक यूनियन ने रविवार को धूरी में बबनपुर नहर के पुल पर धरना दे दिल्ली-लुधियाना हाईवे साढ़े 5 घंटे जाम किया। इस दौरान यूनियन के 8 सदस्य नहर के हेडर (छोटी नहर में पानी निकालने के लिए बनाए गए बांध) पर चढ़ गए। इस दौरान चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी न की गई तो नहर में छलांग लगाकर खुदकुशी कर लेंगे।
मौके पर पहुंचे एसडीएम धूरी लतीफ अहमद ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का काफी प्रयास किया। परंतु यूनियन सदस्य प्रमुख सचिव से बैठक करवाने की मांग पर अड़े रहे। यूनियन ने तय प्रोग्राम के अनुसार रविवार को शिक्षा मंत्री विजयइन्दर सिंगला की कोठी का घेराव करना था। जिस कारण कोठी के नजदीक पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया था। परंतु यूनियन सदस्य प्रशासन को चकमा देते हुए धूरी के गांव बबनपुर में नहर के पुल पर जा पहुंचे। करीब 1 बजे यूनियन सदस्यों ने बबनपुर नहर में धरना दे प्रदर्शन शुरू कर दिया।
अध्यापक यूनियन की मुख्य मांगें
यूनियन की मांग है कि 10 हजार ईटीटी अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाए। ईटीटी पोस्टों पर सिर्फ ईटीटी पास उम्मीदवारों को ही भर्ती किया जाए। शिक्षा प्रोवाइडरों और वालंटियरों को दिए गए अतिरिक्त अंकों की शर्त हटाई जाए। उच्च योग्यता के नंबरों की शर्त हटाई जाए। आयु सीमा में छूट दी जाए।
2364 ईटीटी उम्मीदवारों को ही किया जाए भर्ती : संदीप सामा
अध्यापक यूनियन के सीनियर उप प्रधान संदीप सामा, निर्मल जीरा, सलिंदर फाजिल्का ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से 2364 ईटीटी अध्यापकों की भर्ती निकाली गई है। जिसमें बीएड उम्मीदवारों को भी बराबर का मौका दिया गया है। जिससे बीएड उम्मीदवारों को बराबर का मौका देकर ईटीटी उम्मीदवारों के हक की पोस्टों पर डाका मारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईटीटी पोस्टों पर सिर्फ ईटीटी उम्मीदवारों को ही रखा जाए और बीएड उम्मीदवारों को ईटीटी की पोस्टों पर अयोग्य करार दिया जाए। बेरोजगार ईटीटी टैट पास अध्यापक यूनियन के राज्य प्रधान दीपक कंबोज ने कहा है कि पंजाब में करीब 15 हजार ईटीटी टैट पास बेरोजगार अध्यापक है और स्कूलों में 10 हजार पद खाली है परंतु सरकार इन पदों पर भर्ती नहीं कर रही है।
पहले भी 6 माह तक टंकी पर कर चुके हैं प्रदर्शन
यूनियन के सदस्य पिछले लंबे समय से रोजगार की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे है। मांग को लेकर 4 सितंबर 2019 को सुनाम रोड स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। करीब 6 माह तक पानी की टंकी पर अपना प्रदर्शन जारी रखा था। परंतु बाद में कोरोना के चलते 21 मार्च प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया था। इस मौके पर गुरसिमरत संगरूर, हरमन, जरनैल नागरा, गुरप्रीत, निर्मल जीरा, शंकर मानसा, कुलदीप, परविंदर लुधियाना, जरनैल, रविंदर अबोहर, सोनिया पटियाला, सरबजीत कौर, गोबिंद जालंधर उपस्थित थे।
40 दिन में 14 धरने, 16 मार्च, 10 अर्थी फूंक प्रदर्शन
संगरूर धरना- प्रदर्शनों का केन्द्र रहा है। क्योंकि कैबिनेट मंत्री विजयइन्दर सिंगला के पास दो विभाग, कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के पास दो विभाग है। अकेले संगरूर शहर की बात की जाए तो पिछले 40 दिनों में शहर में 14 धरने, 16 रोष मार्च और 10 अर्थी फूंक प्रदर्शन हो चुके है। इसके अतिरिक्त किसानों के प्रदर्शन लगातार जारी है। विपक्ष नेता हरपाल चीमा का कहना है कि चुनावों से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों से बड़े- बड़े- वायदे किए थे। परंतु अपने किसी वादे को पूरा नहीं किया है।
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