सर्दी के दिनों में कोविड की दूसरी लहर का खतरा सता रहा था। लेकिन सुखद खबर ये है कि कोविड के केसों में कमी देखने को मिल रही है। दिसंबर महीने के अंत से लेकर जनवरी के पहले सप्ताह तक कोविड के मरीजों की संख्या में कमी आई है। विभाग इस बात से खुश है नए मरीजों की संख्या में कमी आई है। लेकिन विभाग ये पता लगाएगा कि किन कारणों से मरीजों की दर घटी है।
जबकि सरकार ने नाइट कर्फ्यू सहित सामजिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा कर दिया था। सूबे के लिए कोविड की टेस्टिंग को लेकर दो केंद्रीय संस्थान काम कर रहे हैं। बीते सात दिनों में सरकारी लैबों में 26 हजार 500 टेस्ट प्रतिदिन हुए। इनमें 100626 टेस्टों में 1689 सैंपल पॉजिटिव मिले है। जोकि लगभग एक फीसदी बनता है।
सूबे की सरकारी लैबों में प्रतिदिन हो रहे 26 हजार 500 टेस्ट
विभाग ने मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री मांगी
जिलों के सिविल सर्जनों से उनके यहां टेस्टिंग होने वाले लोगों की संख्या और पॉजिटिव दर बताने को कहा गया था। इसके अलावा उनसे यह भी पूछा गया है कि अभी उनके यहां किन इलाकों से केस सामन आ रहे हैं। उनकी ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में भी जानकारी ली जा रही है। इनमें यह भी बताना होगा कि पॉजिटिव आए मरीजों की डोमेस्टिक या फिर इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री है या नहीं। जिससे विभाग के अधिकारियों को स्टडी करने में मदद मिलेगी। इस स्टडी का फायदा यह होगा कि विभाग वैक्सीन आने तक आगामी दिनों को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर सकेगा।
जिलों से टेस्टिंग और पाॅजिटिव मरीजों की मंगवाई गई रिपोर्ट
सूबे में सबसे ज्यादा जालंधर, मोहाली, पटियाला, अमृतसर और लुधियाना से केस सामने आ रहे थे। लेकिन अब दिसंबर खत्म होने के बाद केसों में कमी आनी शुरू हो गई है। विभाग ने जिलों से दिसंबर के अंत से लेकर जनवरी महीने के पहले सप्ताह तक की रिपोर्ट मंगवाई है।
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