कोरोना महामारी के बीच एक और अच्छी खबर आ रही है। दिसंबर में लगातार चौथे महीने फ्यूल डिमांड में बढ़त दर्ज की गई। अर्थव्यवस्था में सकारात्मक सुधार के चलते कुल खपत भी 11 महीने के हाई पर पहुंच गया है। हालांकि, यह प्री-कोविड लेवल से अभी भी 2% नीचे है।
ऑयल मिनिस्ट्री के मुताबिक दिसंबर में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की डिमांड घटकर 18.59 मिलियन टन रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 18.94 मिलियन टन रही थी।
(*11*)लगातार चौथे महीने फ्यूल डिमांड में पॉजिटिव ग्रोथ
हालांकि मासिक आधार पर यह लगातार चौथा महीना रहा जब ईंधन खपत में पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की गई। इससे पहले नवंबर में भी खपत 17.86 मिलियन टन रही थी। दिसंबर में खपत का यह आंकड़ा फरवरी 2020 के बाद से सबसे हाई है। क्योंकि आर्थिक गतिविधियों और ट्रांसपोर्टेशन में अच्छी रिकवरी देखने को मिली।
(*11*)लॉकडाउन के चलते फ्यूल डिमांड में भारी गिरावट दर्ज की गई
लॉकडाउन के चलते अप्रैल 2020 में फ्यूल डिमांड 49% नीचे आ गई थी। क्योंकि 69 दिनों के सख्त लॉकडाउन के दौरान देशभर में लगभग सभी तरह के ट्रांसपोर्टेशन थम गए थे। हालांकि फेस्टिव सीजन से पहले अनलॉक प्रक्रिया के तहत मिली ढील के बाद फ्यूल डिमांड में पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की जा रही है।
(*11*)डीजल की खपत में अक्टूबर के बाद लगातार दूसरे महीने गिरावट
देश के कुल ईंधन खपत में लगभग 40% हिस्सेदारी रखने वाले डीजल की खपत भी पिछले साल की तुलना में दिसंबर में 2.7% गिरकर 7.18 मिलियन टन रही। यह नवंबर में भी 6.9% नीचे आ गई थी। हालांकि अक्टूबर में यह 7.4% बढ़ी थी। दूसरी ओर देश में पेट्रोल की कुल खपत सितंबर में ही प्री-कोविड लेवल के पार पहुंच गया था। इसकी बड़ी वजह अनलॉक में सरकार से मिली रियायतें रहीं।
(*11*)जेट फ्यूल की खपत दिसंबर में घटी, लेकिन रसोई गैस, नेफ्था और बिटुमिन की खपत बढ़ी
- बिजली उत्पादन और पेट्रोकेमिकल के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले नेफ्था की खपत दिसंबर में 2.67% बढ़कर 1.23 मिलियन टन रही।
- सड़क निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली बिटुमिन की खपत 20% बढ़कर 7.61 हजार टन रही।
- रसोई गैस (LPG) की खपत 7.4% बढ़कर 2.53 मिलियन टन रहा। खास बात यह है कि LPG ही एकमात्र ईंधन रहा जिसकी डिमांड लॉकडाउन के दौरान भी बढ़ी।
- एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की बिक्री दिसंबर में 41% फिसलकर 4.28 हजार टन रही, क्योंकि इस दौरान कई एयरलाइंस अभी भी पूरी तरह ऑपरेशन शुरु नहीं कर पाईं हैं। हालांकि मासिक आधार पर इसमें 13.5% की पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिली।
(*11*)अप्रैल-नवंबर के दौरान कोयला इंपोर्ट घटा
एमजंक्शन के मुताबिक अप्रैल-नवंबर के दौरान भारत का कोयला इंपोर्ट 17% घटकर 137.16 मिलियन टन रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 165.35 मिलियन टन रहा था। इसमें केवल नवंबर में कोयला इंपोर्ट 20.35 मिलियन टन रहा ,जो पिछले साल की समान अवधि में 21.72 मिलियन टन रहा था।
Download Dainik Bhaskar App to learn Latest Hindi News Today