ब्रिटिश सरकार ने जासूसी कानून में बड़ा बदलाव किया है। अब वहां बच्चों को भी सीक्रेट एजेंट बनाया जा सकता है। यानी बच्चों से जासूसी कराई जा सकती है। सरकारी संस्थाएं, सेना और यहां तक कि गैंबलिंग रेगुलेटर भी बच्चों का जासूस के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इतना ही नहीं माता-पिता के खिलाफ भी बच्चों को बतौर जासूस इस्तेमाल किया जा सकता है। अब नए कानून के मुताबिक विशेष परिस्थितियों में सेना और पुलिस 18 साल से कम उम्र के बच्चों से जासूसी करवा सकती है।
अंडर कवर एजेंट के तौर पर काम करेंगे बच्चे
सरकारी संस्थाएं भी बच्चों को अंडर कवर एजेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। जो संस्थाएं विशेष रूप से बच्चों को बतौर जासूस हायर कर सकेंगी उनमें पुलिस, MI-5, MI-6, नेशनल क्राइम एजेंसी, गैंबलिंग कमीशन, काउंटी और डिस्ट्रिक्ट काउंसिल, पर्यावरण एजेंसी और फूड स्टैंडर्ड एजेंसी। जहां तक बच्चों से उनके माता-पिता के खिलाफ जासूसी कराने का प्रावधान है, इसे दो हिस्से में बांटा गया है। 16 साल के कम उम्र के बच्चों से उनके घर वालों के खिलाफ जासूसी नहीं करवाई जाएगी।
हालांकि, इससे ऊपर के बच्चों से विशेष परिस्थितियों में उनके माता-पिता के पर विरोध भी हो रहा है। ब्रिटेन के चिड्रेन कमिश्नर एने लॉन्गफील्ड ने कहा-जासूसी के काम में बच्चों का इस्तेमाल बैन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कभी ऐसा कारण हो सकता है जब बच्चों से जासूसी कराने की नौबत आए।
दुर्लभ परिस्थिति में ही बच्चे करेंगे जासूसी
बतौर जासूस बच्चों के इस्तेमाल के बारे में उन्होंने कहा कि बहुत दुर्लभ परिस्थितियों में ही बच्चों से जासूसी कराई जाएगी। इस बिल की अन्य कारणों से पहले भी काफी आलोचना हुई है। अक्टूबर में रक्षा मंत्री जेम्स ब्रोकेनशर से कहलवाया गया था कि किसी वयस्क अंडरकवर एजेंट को भी लाइसेंस टूकिल (हत्या का मनमाना अधिकार) नहीं दिया जाएगा।
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